असंगति अलंकार किसे कहते हैं Asangati Alankar
असंगति’ का अर्थ संगति का न होना हैजब कारण और कार्य में संगति न हो, कारण कहीं पर और कार्यकहीं अन्यत्र हो तब असंगति होती है। तब असंगति अलंकार होता है।
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उदहारण
दृग उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति। परत गाँठ दुरजन हिये, दई नई यह रीति।।
तुमने पैरों में लगाई मेंहदी
मेरी आँखों में समाई मेंहदी।
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