Shabd Kise Kahate Hain | शब्द किसे कहते हैं

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shabd kise kahate hain शब्द किसे कहते हैं

shabd kise kahate hain आप इस पोस्ट में हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण शब्द किसे कहते हैं, शब्द की परिभाषा, शब्द के भेद के बारे में पढ़ेंगे।

Shabd Kise Kahate Hain शब्द किसे कहते हैं

एक या एक से अधिक अक्षरों से बनी स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं उदाहरण- हां, ना, जब, आदि।

शब्द वह ध्वनि या लिखित चिह्न हैं जो बोलने या लिखने के द्वारा व्यक्ति के मन के भाव और विचारों को दूसरों के साथ साझा करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

शब्द भाषा का मूल तत्त्व होते हैं जो व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं, विचारों, ज्ञान और अनुभवों को अन्यों के साथ साझा करने के लिए प्रयुक्त किए जाते हैं।

शब्दों का उपयोग वाक्य बनाने, बोली जाने वाली भाषा, लेखन और संदेशों को संचारित करने में किया जाता है।

व्युत्पत्ति (बनावट) के आधार पर शब्द के भेद
1-रूढ़
2-यौगिक
3-योगरूढ़

रूढ़ शब्द किसे कहते हैं

रूढ़ शब्द वह शब्द होते हैं जिनके सार्थक खंड ना हो सके अर्थात उनको अन्य शब्दों के मेल से ना बनाया जासके रूढ़ शब्द कहलाते हैं।

उदाहरण के लिए कुछ हिंदी रूढ़ शब्द हैं चावल, दिन, घर, घोड़ा, आदि।

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यौगिक शब्द किसे कहते हैं (Yaugik Shabd Kise Kahate Hain)

यौगिक शब्द वह शब्द होते हैं जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से मिलकर बनते हैं वह यौगिक शब्द कहलाता है। उदाहरण : विद्यालय विद्या + आलाय, राजपूत्र आदि।

योगरूढ़ शब्द किसे कहते हैं (Yogrudh Shabd Kise Kahate Hain)

वे शब्द जो यौगिक तो होते हैं, परन्तु जिनका
अर्थ रूढ़ (विशेष अर्थ) हो जाता है, योगरूढ़ शब्द कहलातेहैं। यौगिक होते हुए भी ये शब्द एक इकाई हो जाते हैं यानी ये सामान्य अर्थ को न प्रकट कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं

जैसे-पीताम्बर, जलज, लंबोदर, दशानन, नीलकंठ,गिरधारी, दशरथ, हनुमान,लालफीताशाही, चारपाई आदि ।

पीताम्बर’ का सामान्य अर्थ है ‘पीला वस्त्र’, किन्तु यह विशेष अर्थ में श्रीकृष्ण के लिए प्रयुक्त होता है। इसी तरह ‘जलज’ का सामान्य अर्थ है ‘जल से जन्मा’; किन्तु यह विशेष अर्थ में केवल कमल के लिए प्रयुक्त होता है। जल में जन्मे और
किसी वस्तु को हम ‘जलज’ नहीं कह सकते।

बहुव्रीहि समास के सभी उदाहरण योगरूढ़ शब्द के उदाहरण हैं।

अर्थ की दृष्टि से शब्द के भेद
1-सार्थक
2-निरर्थक

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद

1-तत्सम
2-तद्भव
3-देशज
4-विदेशज

सार्थक शब्द किसे कहते हैं (Sarthak Shabd Kise Kahate Hain)

सार्थक शब्द वे शब्द होते जिनका कुछ ना कुछ अर्थ होता है है। कुछ उदाहरण सार्थक शब्दों की हैं: सफलता, जीत, संतुष्टि, उद्देश्य, अभिवृद्धि, निर्णय, रोटी, पानी, ममता, डंडा आदि।

निरर्थक शब्द किसे कहते हैं

वे शब्द जिनका का कोई भी अर्थ नहीं होता निरर्थक शब्द कहलाता है। जैसे-रोटी-वोटी, पानी-वानी, डंडा-वंडा इनमें वोटी, वानी, वंडा आदि निरर्थक शब्द हैं।

स्त्रोत के आधार पर शब्द के भेद

तत्सम
तद्भव
देशज या देशी
विदेशज या विदेशी

तत्सम शब्द किसे कहते हैं (Tatsam Shabd Kise Kahate Hain)

तत्सम शब्द ऐसे शब्द होते हैं जो संस्कृत भाषा से सीधे लिए होते हैं। ये शब्द संस्कृत शब्दों के रूप में ही हिंदी में उपयोग में लाए जाते हैं। इन शब्दों का अर्थ, उच्चारण और वर्तनी संस्कृत के शब्दों से मिलते-जुलते होते हैं।

  Samas kise kahate hain | समास किसे कहते हैं

उदाहरण के लिए- नदी, सागर, संगम, आश्रय, आधार, उद्योग, शिक्षा, संस्कृति, विचार, विदेश, विवेक आदि तत्सम शब्द हैं।

तद्भव शब्द किसे कहते हैं (Tabhav Shabd Kise Kahate Hain)

तद्भव शब्द के शब्द होते हैं जो संस्कृत भाषा से विकृत होकर आते हैं यह शब्द संस्कृत से प्राकृत प्राकृत से अपभ्रंश, पुरानी हिंदी के कारण परिवर्तन के रूप में मिलते हैं।

देशज शब्द किसे कहते हैं (Deshaj Shabd Kise Kahate Hain)

देशज शब्द वह होते हैं जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति और आवश्यकतानुसार प्रचलित हो जाते हैं उदाहरण- थैला, गड़बड़, पेट, पगड़ी आदि।

विदेशज शब्द किसे कहते हैं

विदेशज शब्द में शब्द होते हैं जो विदेशी भाषा से हिंदी में लिए गए हैं उदाहरण- लालटेन, अस्तबल, कप्तान ,गोदाम ,जनवरी आदि।

अधिक प्रचलित विदेशज शब्द

अरबी भाषा के शब्द : अजब, अजीब, अदालत, अक्ल, अल्लाह, असर,आखिर, आदमी, इनाम, इजलास, इज्ज़त, इलाज, ईमान, उम्र,एहसान, औरत, औसत, कब्र, कमाल, कर्ज, किस्मत, कीमत,किताब, कुर्सी, खत, खिदमत, खयाल, जिस्म, जुलूस, जलसा,जवाब, जहाज़, ज़िक्र, तमाम, तक़दीर, तारीख़, तकिया, तरक्की,दवा, दावा, दिमाग़, दुनिया, नतीजा, नहर, नक़ल, फ़क़ीर,फ़िक्र, फ़ैसला, बहस, बाक़ी, मुहावरा, मदद, मजबूर, मुक़दमा,मुश्किल, मौसम, मौलवी, मुसाफ़िर, यतीम, राय, लिफ़ाफ़ा,
वारिस, शराब, शहद, हक़, हज़म, हाजिर, हिम्मत, हुक्म, हैज़ा,हौसला, हकीम, हलवाई इत्यादि ।

फ़ारसी भाषा के शब्द : आबरू, आतिशबाज़ी, आफ़त, आराम, आमदनी,आवारा, आवाज़, उम्मीद, उस्ताद, कमीना, कारीगर, किशमिश,
कुश्ती, कूचा, ख़ाक, खुद, खुदा, खामोश, खुराक, गरम, गज,गवाह, गिरफ्तार, गिर्द, गुलाब, चादर, चालाक, चश्मा, चेहरा,जलेबी, ज़हर, ज़ोर, ज़िन्दगी, जागीर, जादू, जुरमाना, तबाह,तमाशा, तनखाह, ताज़ा, तेज़, दंगल, दफ़्तर, दरबार, दवा, दिल,दीवार, दुकान, नापसंद, नापाक, पाजामा, परदा, पैदा, पुल, पेश,बारिश, बुखार, बर्फी, मज़ा, मकान, मज़दूर, मोरचा, याद, यार,रंग, राह, लगाम, लेकिन, वापिस, शादी, सितार, सरदार, साल,
सरकार, हफ़्ता, हज़ार इत्यादि ।

  वर्ण किसे कहते हैं | Varn Kise Kahate Hain

अंग्रेज़ी भाषा के शब्द : अपील, कोर्ट, मजिस्ट्रेट, जज, पुलिस, टैक्स,कलक्टर, डिप्टी, अफ़सर, वोट, पेन्शन; कापी, पेंसिल, पेन,पिन, पेपर, फ़ी, फ़ॉन्ट, फ़ॉर्म, लाइब्रेरी, स्कूल, कॉलेज; अस्पताल,डॉक्टर, कंपाउडर, नर्स, आपरेशन, वार्ड, प्लेग, मलेरिया, कॉलरा,हार्निया, डिप्थीरिया, कैंसर; कोट, कालर, पैंट, पतलून, हैट,बुश्शर्ट, स्वेटर, हैट, बूट, जम्पर, ब्लाउज़; कप, प्लेट, जग, लैम्प,गैस, माचिस, फ्रिज; केक, टॉफी, बिस्कुट, टोस्ट, चाकलेट, जैम,जेली; ट्रेन, बस, कार, मोटर, लारी, स्कूटर, साइकिल, बैटरी,ब्रेक, इंजन; यूनियन, रेल, टिकट, पार्सल, पोस्टकार्ड, मनी आर्डर,स्टेशन, ऑफ़िस, क्लर्क, गार्ड इत्यादि ।

रूप के आधार पर शब्द के भेद

विकारी शब्द किसे कहते हैं (Vikari Shabd Kise Kahate Hain)

विकारी शब्द ऐसे शब्द होते हैं जिनमें लिंग,वचन, कारक के कारण मूल शब्द में बदलाव हो जाता है विकारी शब्द कहते हैं।
उदाहरण-
(लिंग परिर्वन)
लड़की पढ़ रही है।
लड़का पढ़ रहा है।
(वचन परिर्वन)
लड़के दौड़ रहे हैं।
लड़का दौड़ रहा है।
(कारक परिवर्तन)
लड़के के लिए आम लाओ।
लड़कों के आम लाओ।

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण एवं क्रिया शब्द विकारी शब्द हैं।
संज्ञा- ब्राह्मण, जयचंद, पटना, हाथ, पाँव, लड़का,
किताब, पुलिस, सफाई, ममता, बालपन,
लड़की,ढेर, कर्म,सिरदर्द आदि ।

सर्वनाम : मैं, तू, वह, यह, इसे, उसे, जो, जिसे, कौन,क्या, कोई, सब, विरला आदि ।

विशेषण : अच्छा, बुरा, नीला, पीला, भारी, मीठा, बुद्ध,सरल, जटिल आदि ।

क्रिया : खेलना, कूदना, सोना, जागना, लेना, देना, खाना,पीना, जाना, आना आदि ।

अविकारी शब्द किसे कहते हैं

जिन शब्दों का प्रयोग मूल रूप में होता है और लिंग, वचन व कारक के आधार पर उनमें कोई परिवर्तन नहीं होता अर्थात् जो शब्द हमेशा एक-से रहते हैं, वे अविकारी शब्द कहलाते हैं, जैसे—आज, में, और, आहा आदि।

सभी प्रकार के अव्यय शब्द अविकारी शब्द होते हैं।

संबंध बोधक अव्यय : में, से, पर, के ऊपर, के नीचे, से आगे, से पीछे, की ओर।

समुच्चयबोधक अव्यय : और, परन्तु, या, इसलिए, तो,यदि, क्योंकि ।

विस्मयादिबोधक अव्यय : आहा ! हा ! हाय ! ओह ! वाह ! वाह ! राम राम ! या अल्लाह ! या खुदा!

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