भाषा किसे कहते हैं Bhasha kise kahate hain
इस पोस्ट में आप जानेंगे भाषा किसे कहते हैं , भाषा के भेद, भाषा की परिभाषा, उदाहरण Bhasha kise kahate hain, भाषा के अंग, भाषा की लिपि, टकसाली भाषा किसे कहते हैं ,मौखिक भाषा किसे कहते हैं , आदि के बारे में ।
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भाषा क्या है भाषा किसे कहते हैं यह प्रश्न मनुष्य के विचार में अवश्य आता है यदि साधारण शब्दों में कहा जाए भाषा संचार की एक प्रणाली है जो मनुष्य को प्रतीकों और कुछ नियमों का उपयोग करके अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने की अनुमति देती है। यह हमें जानकारी साझा करने एक दूसरे के विचार समझने और एक दूसरे के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाती है।
दूसरे शब्दों में कहा जाए भाषा एक ऐसा माध्यम है। जिसके द्वारा व्यक्ति लिखित या मौखिक रूप में अपने विचारों को दूसरों के सामने प्रकट कर सकता है और उसके भाव को समझ कर संचार कर सकता है।
भाषा की परिभाषा (Bhasha ki Paribhasha)
भाषा एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को व्यक्त कर सकता है।
पतंजलि के अनुसार भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त कर सकता है।
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार भाषा पारंपरिक तरीके से ध्वनियों, इशारों, संकेतों या लिखित प्रतीकों का उपयोग करके संचार का साधन है जो आमतौर पर किसी विशेष संस्कृति या समुदाय के लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है।
डॉ श्याम सुंदर दास के अनुसार मनुष्यों के आपस में एक दूसरे के विचारों का साझा जो व्यक्ति या ध्वनि संकेतों के माध्यम से किया जाता है उसे भाषा कहते हैं।
डॉ बाबूराम सक्सेना के अनुसार मनुष्य के आपस में विचारों का आदान-प्रदान भाषा कहलाता है ।
भाषा’ शब्द का निर्माण संस्कृत के’ भाष्’ धातु से हुआ है जिसका अर्थ होता है बोलना । इसके अनुसार भाषा वह है जिसे बोल कर मन के भावों को प्रकट किया जा सके।
प्लेटो के अनुसार विचार और भाषा में सूक्ष्म अंतर होता है विचार आत्मा की मूक या अध्वन्यात्मक ध्वनि है और वही शब्द जब ध्वन्यात्मक होकर होठों के माध्यम से कहा जाए तो उसे भाषा कहते हैं।
स्वीट के अनुसार ध्वनि शब्द के माध्यम से विचारों को प्रकट करना भाषा कहा जाता है।
आज विश्व में 7,000 से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं जिनमें से प्रत्येक कि अपनी व्याकरण, शब्दावली और उच्चारण है। किसी भाषा को परिभाषित करने वाली कुछ प्रमुख विशेषताओं में उसकी ध्वनियाँ (स्वर), शब्द, व्याकरण (वाक्यविन्यास), और अर्थ (शब्दार्थ) शामिल हैं।
भाषा मानव अनुभूति का एक मूलभूत पहलू है और हमारे आसपास की दुनिया को सोचने, तर्क करने और समझने की हमारी क्षमता का केंद्र है। यह हमारे सामाजिक जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक भी है जो हमें संबंध बनाने, भावनाओं को व्यक्त करने और दूसरों के साथ साझा अनुभव बनाने का ज्ञान प्रदान करता है।
भाषा के भेद
भाषा को मुख्यतः तीन रूपों में बांटा जा सकता है।
मौखिक
लिखित
संकेतिक
मौखिक भाषा किसे कहते हैं (Maukhik Bhasha Kise kahate Hain)
मौखिक भाषा भाषा का वह रूप है जिसके माध्यम से मनुष्य अपने विचारों को या भावों को बोलकर प्रकट करता है।
दूसरे शब्दों में मौखिक भाषा एक दूसरे के साथ संवाद करने के लिए उपयोग की जाती है। इसमें किसी विशेष भाषा में ध्वनियों और शब्दों के माध्यम से एक दूसरे के विचार आदान-प्रदान किए जाता है। उदाहरण के लिए जब हम आपस में बात करते हैं तो यह मौखिक भाषा कहलाती है। भाषा का मौखिक रूप सीखने के लिए व्यक्ति को प्रयत्न नहीं करना पड़ता है। उदाहरण के लिए कोई बच्चा अपनी संस्कृति भाषा अपने परिवार के बीच समय के साथ अपने आप सीख जाता।
लिखित भाषा किसे कहते हैं (Likhit Bhasha Kise kahate Hain)
लिखित भाषा भाषा का वह रूप है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों या भावनाओं को लिखकर व्यक्त करता है। यह लिखित भाषा कहलाती है उदाहरण – समाचार पत्र, पत्रिकाएं
, कहानियां आदि हम लिखित भाषा में विचारों के माध्यम से उसका अर्थ समझते हैं।
लिखित भाषा को समझने के लिए हमें उस भाषा के वर्णों शब्दों और उसकी व्याकरण का ज्ञान होना अति आवश्यक है।
सांकेतिक भाषा किसे कहते हैं (Sanketik Bhasha Kise kahate Hain)
सांकेतिक भाषा का वह रूप है जिसके द्वारा व्यक्ति संकेतों के माध्यम से विचारों भावनाओं को समझ सकता है। सांकेतिक भाषा का प्रयोग अधिकतर ऐसे व्यक्तियों के लिए होता है जो मानसिक या शारीरिक रूप से से अपंग होते हैं उदाहरण गूंगे व्यक्ति जो बोलने में असमर्थ होते हैं उनमें संकेतों के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान किया जाता है।
भाषा के अंग
मुख्य रूप से भाषा के 5 अंग होते हैं ध्वनि, वर्ण शब्द, वाक्य, लिपि
ध्वनि
हमारे मुख से निकलने वाले शब्दों को ध्वनि करते हैं ध्वनि का प्रयोग मौखिक भाषा में होता है।
वर्ण
यह वह ध्वनि होती है जिसको बांटा नहीं जा सकता उदाहरण के लिए – क, ख, ग, घ,
पढ़े – वर्ण किसे कहते हैं
शब्द
वर्णों के समूह को शब्द कहते हैं उदाहरण – भाषा
यह दो वर्णों से मिलकर बना है।
पढ़े – शब्द किसे कहते हैं
वाक्य
शब्दों के समूह जिसका कोई अर्थ निकलता है वाक्य कहलाता है उदाहरण राम घर जाता है।
पढ़े – वाक्य किसे कहते हैं
लिपि
प्रत्येक भाषा की अपनी लिपि होती है मौखिक भाषा को समझने के लिए जिन विशेष चिन्हों को लिखित रूप में व्यक्त किया जाता है लिपि कहलाती है उदाहरण देवनागरी लिपि रोमन लिपि
।
पढ़े – लिपि किसे कहते हैं
बोली भाषा और विभाषा
बोली भाषा और विभाषा में अंतर करना बहुत ही कठिन है। इनमें बहुत कम अंतर होता है उदाहरण एक छोटे से क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा बोली कहलाती है जब उसका क्षेत्र थोड़ा और बढ़ जाता है तो यह विभाषा का रूप ले लेती है जब इसका क्षेत्र और विस्तृत हो जाता है तो यह भाषा का रूप ले लेती है इनके अंदर बारीक अंतर को हम आगे समझेंगे मुख्य रूप से भाषा के इन रूपों को हम इस प्रकार देखते हैं-
(1) बोली,
(2) विभाषा, और
(3) भाषा (अर्थात् परिनिष्ठित या आदर्श भाषा)
बोली किसे कहते हैं
यह भाषा की सबसे छोटी इकाई है इसका क्षेत्र सीमित होता है इसका प्रयोग व्यक्तिगत बोलचाल की भाषा में किया जाता है इसमें देशज और देसी शब्दों की प्रधानता होती है इसमें किसी भी साहित्य का निर्माण नहीं होता। इसका रूप कुछ दूरी पर चलकर बदल जाता है यदि व्याकरण की दृष्टि से देखा जाए तो इसमें बहुत ही त्रुटियां पाई जाती हैं।
विभाषा
विभाषा इसका क्षेत्र बोली से अधिक होता है यह एक प्रांतीय रूप में फैली होती है और इसमें साहित्य की रचना भी होने लगती है दूसरे शब्दों में यह बोली का अर्ध विकसित रूप होता है उदाहरण ब्रजभाषा तथा अवधी भाषा ।
भाषा किसे कहते हैं (Bhasha kise kahate hain)
यह विभाषा की विकसित रूप हैं। इस क्षेत्र बहुत ही व्यापक होता है तथा इसका प्रयोग राज्य की कार्य के लिए भी किया जाता है इसे राष्ट्र-भाषा या टकसाली-भाषा भी कहा जाता है। और इसे राजभाषा के रूप में या राष्ट्रभाषा के रूप में जाना जाता है उदाहरण हिंदी उर्दू गुजराती बांग्ला यह सभी भाषाओं के उदाहरण है।
अंत में आपको यह पोस्ट भाषा किसे कहते हैं (Bhasha kise kahate hain) कैसी लगी अपनी राय कमेंट के माध्यम में बताएं।