बहुव्रीहि समास परिभाषा, भेद और उदाहरण | Bahuvrihi Samas

बहुव्रीहि समास

बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं

बहुव्रीहि समास की परिभाषा बहुव्रीहि समास में पहला तथा दूसरा पद प्रधान ना होकर कोई अन्य पद प्रधान होता है उस समास को बहुव्रीहि समास कहते हैं।

बहुव्रीहि समास के उदाहरण

वीणापाणि वीणा है जिसके हाथ में आता सरस्वती

चंद्रधर चंद्र धारण करता है जो अर्थात भगवान शिव

गजानन गज के समान है जिसका मुख अर्थात गणेश जी

त्रिलोचन 3 है जिसके लोचन अर्थात शिव जी

चक्रधर चक्रधर करता है जो अर्थात भगवान विष्णु

बारहसिंघा 12 है जिसकी सिंह

चंद्रशेखर चंद्रशेखर है जिस करता शिवजी

चतुर्भुज चार है जिसकी भुजाएं अर्थात विष्णु जी

दशानन 10 है जिसके मुख अर्थात रावण

पीतांबर पीत है जिसका अंबर अर्थात कृष्णा जी

तपोधन तप है जिसका धन

सुलोचना सुंदर है जिसके लोचन आंख

पतिव्रता पति व्रत का पालन करने वाली

चक्रपाणि चक्र है पानी में जिसके पाणि में

गिरीधर गिरी अर्थात पहाड़ को धारण करने वाला

निशाचर रात्रि में विचरण करने वाला राक्षस

बहुव्रीहि समास के प्रकार

समानाधिकरण बहुव्रीहि समास

व्याधिकरण बहुव्रीहि समास

तुल्ययोग बहुव्रीहि समास

व्यतिहार बहुव्रीहि समास

प्रादी बहुव्रीहि समास

समानाधिकरण बहुव्रीहि समास

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  पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार - परिभाषा - पहचान और उदाहरण

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