हनुमान जी पर दोहे

हनुमान जी पर दोहे यहां पर कुछ दोहे हनुमान जी को समर्पित है आपको यह हनुमान जी पर दोहे जरूर पसंद आएंगे ।

हनुमान जी पर दोहे

हनुमान जी पर दोहे

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर।
जय कपीश तिहुँ लोक उजागर॥

इस दोहे का अर्थ है कि हनुमान जी ज्ञान और गुणों का सागर हैं। वे तीनों लोकों को उजागर करने वाले कपीश (वानरों के श्रेष्ठ) हैं।

बिना सुने हनुमान कोई नहीं होत पूजा का सार।
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
इस दोहे का अर्थ है कि हनुमान जी को स्मरण किए बिना पूजा का सार नहीं होता है। हनुमान जी के स्मरण से संकट और सभी पीड़ा दूर हो जाती हैं।

संकट मोचन हनुमान अष्टक, केरी कृपा करहु गुरुदेव की नाइ।
जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाइ॥
इस दोहे का अर्थ है कि मैं संकटों से मुक्ति के लिए हनुमान जी को याद करता हूं और उनकी कृपा से गुरुदेव की आशीष प्राप्त होती है। हम सभी हनुमान जी के श्रद्धालु हैं और उन्हें अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देते हैं।

हनुमान जी पर दोहे अर्थ सहित

बजरंग बली नाम तिहारा।
सुनि अनाथ के दुःख रखवारा॥

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इस दोहे का अर्थ है कि हनुमान जी के नाम बजरंग बली हैं जो अनाथों के दुःख का रक्षक हैं। वे उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुधि लेहुं रघुपति कीन्हें पेटे॥

इस दोहे का अर्थ है कि हनुमान जी जगत में दुर्गम कामों को सहजता से पूरा करते हैं।

जो सुनैं हनुमान उर लाए।
ताकर तांडव भये प्रभु के दाए॥

इस दोहे का अर्थ है कि हनुमान जी के दोहे सुनने से उनके हृदय में उनके प्रभु श्री राम का स्मरण होता है।

मन क्रम वचन धन जो तुम्हारे।
ता प्रसन्न होत महाप्रभु दरबारे॥

यदि हम मन, क्रियाएं, वचन और धन को तुम्हारे हाथ में समर्पित करें, तो श्री हनुमानजी हमारे लिए अत्यंत प्रसन्न होंगे और हमें महाप्रभु के दरबार में स्वीकृति मिलेगी।

हनुमान जी पर दोहे

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहि, हरहु कलेस बिकार॥

मैं अपने को बुद्धिहीन मानता हूं और पवनपुत्र हनुमान को स्मरण करता हूं। वह मुझे बल, बुद्धि और विद्या दे ताकि मैं अपने कलेशों से मुक्त हो सकूँ।

जानि राम सेवा सरस, समझि करब अनुमान।
पुरुष से सेवक बन जाओ, हरी के सेवक हनुमान।।

हिंदी अर्थ: जो व्यक्ति श्री राम की सेवा में लगा हुआ है हरि के सेवक हनुमान जैसा बन जाता है। हनुमान भगवान राम के भक्त थे और उनकी सेवा में लगे रहते थे। इसलिए दोहे के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया जाता है कि वे भगवान की सेवा में लगे रहें और उनके सेवक हों बनें रहे।

  गुरु के दोहे अर्थ सहित Guru Ke Dohe

तुलसी राम सुदीठि तें, निबल होत बलवान।
बैर बालि सुग्रीव के, कहा कियो हनुमान॥

हिंदी अर्थ : तुलसीदास जी कहते हैं कि जो व्यक्ति श्री राम के साथ है अर्थात जिसका राम पर विश्वास है वह अपनी शक्तियों के बल पर निर्भीक हो जाता है। हनुमान जी ने सुग्रीव और बालि के वैर में हनुमान जी ने भला क्या किया था लेकिन फिर भी वे राम कृपा से शक्तिशाली बनें ।

तुलसी रामहु तें अधिक, राम भगत जियें जान। रिनिया राजा राम में, धनिक भए हनुमान॥

हिंदी अर्थ : तुलसीदास जी कहते हैं कि राम के भक्त होना जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। भगवान श्री राम के भक्त को प्रभु से भी अधिक समझना चाहिए। इसी तरह हनुमान जी भी भगवान राम के भक्त थे और उनकी सेवा में लगे रहते थे। वह भगवान श्रीराम से भी अधिक मान में होगा यहां तक प्रभु राम ने भी उनसे कहा कि मैं सदा तुम्हारे ऋण रहूंगा। इसलिए इस दोहे के माध्यम से लोगों को यह संदेश दिया जाता है कि वे भगवान राम के भक्त बनें और उनकी सेवा में लगे रहें ताकि उन्हें सभी प्रकार की सम्पदाएं मिल सकें।

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