यू कैन विन की 5 प्रेरणादायक हिंदी कहानियां

यू कैन विन की 5 प्रेरणादायक हिंदी कहानियां

 

यू कैन विन की 5 प्रेरणादायक हिंदी कहानियां

जरूरी नहीं कि शिक्षित व्यक्ति शिक्षित व्यक्ति सही फैसला करें

 एक आदमी सड़क के किनारे समोसे बेचा करता था अनपढ़ होने की वजह स से वह अखबार नहीं पड़ता था ऊंचा सुनने की वजह से रेडियो नहीं सुनता था और आखे कमजोर होने की वजह से हुए उसने कभी टेलीविजन नहीं देखा था इसके बावजूद वह काफी समोसे बेच डाल लेता था उसकी बिक्री और नक्शे में लगातार वृद्धि होती गई उसने और ज्यादा आलू खरीदना शुरू कर दिया साथ ही पहले वाले चूल्हा से बड़ा और बढ़िया चूल्हा खरीद कर ले आया उसका व्यापार लगातार बढ़ रहा था तभी हाल ही में   कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल कर चुका उसका बेटा पिता का हाथ बटाने के लिए चलाया उसके बाद एक अजीबोगरीब घटना घटी बेटे ने उस आदमी से पूछा पिताजी क्या आपको मालूम है कि हम लोग एक बड़ी मंदी का शिकार बनने वाले पिता ने जवाब दिया नहीं लेकिन मुझे उसके बारे में बताओ बेटे का अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां बड़े गंभीर घरेलू हालात तो और भी बुरे   हाय ह में आने वाले बुरे हालात का सामना करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए उसका आदमी ने सोचा किसका बेटा कॉलेज जा  चुका है अखबार पढ़ता है रेडियो सुनता है उसकी राय को हल्के में नहीं लेना चाहिए उस दूसरे दिन से उसने आलू की खरीद कम कर दी और अपना साइन बोर्ड नीचे उतार दिया उसका जोश खत्म हो चुका था जल्दी उसी दुकान पर आने वाले की तादाद घटने लगी और उसकी बिक्री तेजी से गिरने लगी पिता ने बेटे से का तू सही कह रहे थे हम लोग मंदी के दौर से गुजर रहा है मुझे खुशी है कि तुम ने वक्त से पहले ही सूचित कर दिया

  आचार्य चाणक्य नीति ज्ञान की बातें

 कहानी 2 तितली का संघर्ष

 जीव विज्ञान के एक अध्यापक अपने छात्रों को पढ़ा रहे थे कि सुंडी तितली में कैसे बदल जाती है उन्होंने छात्रों को बताया कि कुछ ही घंटों में तितली अपनी खोल से बाहर निकलने की कोशिश करेगी उन्होंने छात्रा को आगाह किया कि वे खोल से बाहर निकलने में तितली की मदद ना करें इतना कहकर वह कक्षा से बाहर चले गए
  छात्र इंतजार करने लगे रहते तितली खोल से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगे छात्र को उस पर दया आ गई अपने अध्यापक की सलाह ना मानकर उसने खोल से बाहर निकालने की कोशिश कर रही  तितली की मदद करने का फैसला लिया उसने खोल को तोड़ दिया है जिसकी वजह से तितली को बाहर निकलने के लिए और मेहनत नहीं करनी पड़ लेकिन वह थोड़ी ही देर में मर गई
 वापस लौटने पर शिक्षक को सारी घटना मालूम हुई तब उन्होंने छात्रों को बताया कि खोल से बाहर आने के लिए तितली को जो संघर्ष करना पड़ता है उसी की वजह से उसके पंखों को मजबूती और शक्ति मिलती है यही प्रकृति का नियम है तितली की करके छात्र ने उसे संघर्ष करने का मौका नादिया नतीजा यह हुआ कि वह मर गई

 कहानी 3 भोजन मुफ्त में नहीं मिलता

 एक राजा ने अपने सलाहकार को बुलाकर उनसे बीते इतिहास की सारी समझदारी भरी बातें लिखने के लिए कहा था ताकि वह उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचा सके उन्होंने काफी मेहनत कर समझदारी भरी बातों पर कई किताबे लिखी और उन्हें राजा के सामने पेश किया राजा को वह किताब एक काफी भारी भरकम लगी उसने सलाहकारों से कहा कि लोग उन्हें पढ़ नहीं पाएंगे इसलिए उन्हें छोटा करें सलाहकारों ने फिर काम किया और केवल एक किताब लेकर आएं  राजा को वह भी मुश्किल लगी सलाहकारों ने उसे और छोटा किया इस बार वह केवल एक अध्याय लेकर आए राजा को वह भी काफी लंबा लगा तब सलाहकारों ने उसे और छोटा कर केवल एक पन्ना पेश किया लेकिन राजा को एक पन्ना भी लंबा लगा आखिरकार वह राजा के पास केवल एक वाक्य लिख कर ले आएं और  उससे राजा संतुष्ट हो गया राजा ने कहा अगर उसे अपनी आने वाली पीढ़ियों तक समझदारी का केवल एक वाक्य पहुंचाना हो तो वह वाक्य यह होगा भोजन मुफ्त में नहीं मिलता

  9 असफलता का मूल कारण क्या है

 कहानी 4 भिखारी का आत्मसम्मान

 एक भिखारी की स्टेशन पर पेंसिलों से भरा एक कटोरा लेकर बैठा हुआ था एक युवा अधिकारी उधर से गुजरा और उसने कटोरे में $1 डाल दिया लेकिन उसने कोई  पेंसिल नहीं ली उसके बाद वह ट्रेन में बैठ गया कि घर का दरवाजा बंद ही होने वाला था कि अधिकारी एकाएक ट्रेन से उतर कर अधिकारी के पास लौटा और कुछ फैसले उठाकर बोला मैं कुछ पेंसिल लूंगा इनकी कीमत है आखिरकार तुम एक व्यापारी हो और मैं भी उसके बाद वह तेजी से ट्रेन में चढ़ गया
 6 महीने बाद में अधिकारी एक पार्टी में गया वह भिखारी भी वहां पर सूट और टाई पहने हुए मौजूद था भिखारी ने उस अधिकारी को पहचान लिया हुआ है उसके पास जाकर बोला आप शायद मुझे नहीं पहचान रहे लेकिन मैं आपको पहचानता हूं उसके बाद उसने 6 महीने पहले वाली घटना को सुनाया अधिकारी ने कहा तुम्हारे याद दिलाने पर मुझे याद आ रहा है कि तुम भीख मांग रहे थे तुम यहां सूट और टाई में क्या कर रहे हो भिखारी ने जवाब दिया आपको शायद मालूम नहीं आपने मेरे लिए उस दिन क्या किया मुझे दान के बजाए आप मेरे साथ सम्मान के साथ देता है आपने कटोरे से पेंसिल ए उठाकर कहां की कीमत है आखिरकार तुम एक व्यापारी हो और मैं भी आपके जाने के बाद मैंने सोचा मैं यहां क्या कर रहा हूं मैं भीख क्यों मांग रहा हूं मैंने अपनी जिंदगी को समझने के लिए कुछ अच्छा काम करने का फैसला लिया मैंने अपना झोला उठाया और काम करने लगा आज मैं यहां मौजूद हूं मुझे मेरा सम्मान लौटाने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं उस घटना ने मेरा जीवन बदल दिया है

 कहानी 5 विल्मा रुडोल्फ की कहानी

 विल्मा का  जन्म  एक गरीब परिवार में हुआ था   चार चार साल की उम्र में उसे डबल निमोनिया काला बुखार में गंभीर रुप से बीमार कर दिया इसकी वजह से से पोलियो हो गया वह पैरों को सहारा देने के लिए ब्रश पहना करती थी डॉक्टरों ने तो यहां तक कर डाला कि वह जिंदगी पर चल फिर नहीं सकती लेकिन विल्मा की मां ने उसे हिम्मत बनाए और  ईश्वर की  क्षमता मेहनत  और लगन से वह जो चाहे कर सकती है यह सुनकर विल्मा ने कहा कि मैं इस दुनिया की सबसे तेज धावक   बनना चाहती हूं ते 9 साल की उम्र में डॉक्टरों के मना करने के बावजूद विल्मा ने ब्रश उतारकर पहला कदम रखा 13 साल की उम्र में उसने अपनी पहली दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और सबसे पीछे रही इस तरह पर दूसरी  दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेती रही सबसे आखिरी स्थान पर आती रही  वह  तब तक कोशिश करती रही जब तक वह दिन नहीं आ गया जब वह फर्स्ट  नहीं आई
15 साल की उम्र में विल्मा स्टेट यूनिवर्सिटी गई जहां वह एक टेंपल नाम के कोच से मिली  उन्हें अपनी यह ख्वाहिश बताएं कि मैं दुनिया की सबसे तेज धाविका बनना चाहती हूं तब टेंपल कहा तुम्हारी इसी इच्छाशक्ति की वजह से तुम्हें कोई भी नहीं रोक सकता और साथ में मैं भी तुम्हारी मदद करूंगा
 आखिर वह दिन आया जब विल्मा ओलंपिक में हिस्सा लिया ओलंपिक में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में मुकाबला होता है विल्मा का मुकाबला जूता हैंड से था जिसे कोई हरा नहीं पाया था विल्मा ने उसे हरा कर अपना पहला गोल्ड मेडल जीता यह बात  इतिहास इतिहास के पन्नों में दर्ज हुए की एक लकवाग्रस्त महिला 1960  के ओलंपिक में दुनिया की सबसे तेज धाविका बन गई
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