हवाई जहाज के आविष्कारक राइट बंधु का जीवन परिचय

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हवाई जहाज के आविष्कारक राइट बंधु का जीवन परिचय

 राइट बंधु का जीवन परिचय

राइट बंधु, ओरविल और विल्बर, दोनों ही सगे भाई थे जिन्हें हवाई जहाज का आविष्कारक माना जाता है। विल्बर का जन्म 16 अप्रैल 1867 को इंडियाना में हुआ था और ओरिवल राइट का जन्म 19 अगस्त 1871 को ओहियो के डेटन में हुआ था। राइट बंधुओ के पिता का नाम  मिल्टन राईट था जो की चर्च  में पादरी थे।उनकी मां का नाम सुसान कैथरीन था।  उनकी मां भी चर्च से जुड़े कामों में उनके पिता की मदद करती थीं। स्वभाव से दोनों भाई एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत थे। विल्बर मितभाषी, एकांतप्रिय था जबकि ऑर्बिल बातूनी और सामाजिक थे । उन्होंने 17 दिसंबर 1903 को दुनिया की पहली सफल मानव हवाई उड़ान भरी। विल्बर और ऑरविल ने यह पता लगाने की कोशिश की कि उड़ान के लिए पंखों को कैसे डिजाइन किया जाए। उन्होंने देखा कि पक्षियों ने संतुलन और नियंत्रण के लिए अपने पंखों को झुकाया,करते है  और इसका प्रयोग करने की कोशिश की, “विंग वारपिंग” नामक एक अवधारणा विकसित की।फिर दोनों भाई एक ऐसा हवाई जहाज बनाने की कोशिश करने लगे जो हवा से भारी हो और जिसमें इंजन प्रोपेलर हो और जो आदमी के साथ आसमान में उड़ सके। . उन्होंने पहला ग्लाइडर बनाया और उसका परीक्षण करने के लिए एक हिल स्टेशन गए, जो 12 सेकंड  तक हवा में रहने के बाद पृथ्वी पर गिर गया।17 दिसंबर, 1903 में , वे नियंत्रित उड़ान को उड़ाने में सफल रहे।विल्बर ने 59 सेकंड तक अपने विमान को 852 फीट की दूरी पर उड़ाने में सफल रहे। जो एक असाधारण उपलब्धि थी। जब इस ऐतिहासिक उड़ान को देखने के लिए बुलाया गया तो वहां केवल 5 वयस्क, दो बच्चे और एक कुत्ता था।

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 स्वभाव से तो दोनों भाई एक-दुसरे के बिल्कुल विपरीत थे।विलबर मितभाषी, एकांतप्रिय थे तो ओरबिल बातूनी और सामजिक थे। ओरविल को पैसा कमाने का बहुत ज्यादा शौक था। उन्होंने तो गर्मी की छुट्टियों में छापेखाने में काम करते हुए न केवल हाई स्कूल परीक्षा पुरी की बल्कि टाइपसेटर बनने के साथ-साथ समाचार पत्र का भी प्रकाशन भी किया। विलबर अपने माँ की बीमारी की वजह से हाई स्कूल की पढाई पुरी नही कर पाए थे। उनके पिता उन्हें चर्च संबंधी कामो में लगाना चाहते थेलेकिन दोनों भाइयो को उसमे रूचि नही थी। मां के देहांत के बाद दोनों ने प्रिंटिंग प्रेस खोलकर साहित्य का प्रकाशन शुरू किया। इसके साथ ही साइकिल बेचने, किराए पर देने, मरम्मत करने की दुकानें भी खोली थी ।विल्बर अप्रैल 1912 में बोस्टन की यात्रा पर बीमार पड़ गए। उन्हें टाइफाइड बुखार था, और 30 मई को ओहियो के डेटन में उनकी मृत्यु हो गई।ओरविल की मृत्यु 30 जनवरी, 1948  को हुई।

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