पन्द्रहवीं पुतली की कथा

पन्द्रहवीं पुतली सुन्दरवतीकी कथा राजा विक्रमादित्य के शासन काल में उज्जैन राज्य की समृद्धि आकाश छूने लगी थी। व्यापारियों का व्यापार अपने देश तक ही सीमित नहीं था, बल्कि दूर के […]

Share this

चौदहवीं पुतली सुनयना की कथा

चौदहवीं पुतली सुनयना की कथा   राजा विक्रमादित्य सारे नृपोचित गुणों के सागर थे। उन जैसा न्यायप्रिय, दानी और त्यागी और कोई न था। इन नृपोचित गुणों के अलावा उनमें एक […]

Share this

तेरहवीं पुतली कीर्तिमती की कथा

 तेरहवीं पुतली कीर्तिमती की  कथा- एक बार राजा विक्रमादित्य ने एक महाभोज का आयोजन किया। उस भोज में असंख्य विद्धान, ब्राह्मण, व्यापारी तथा दरबारी आमन्त्रित थे। भोज के मध्य में […]

Share this

बारहवीं पुतली पद्मावती की कथा

 बारहवीं पुतली पद्मावती की कथा  एक दिन रात के समय राजा विक्रमादित्य महल की छत पर बैठे थे। मौसम बहुत सुहाना था। पूनम का चाँद अपने यौवन पर था तथा […]

Share this

ग्यारहवीं पुतली त्रिलोचनी की कथा

 ग्यारहवीं पुतली त्रिलोचनी की कथा  राजा विक्रमादित्य बहुत बड़े प्रजापालक थे। उन्हें हमेंशा अपनी प्रजा की सुख-समृद्धि की ही चिन्ता सताती रहती थी। एक बार उन्होंने एक महायज्ञ करने की […]

Share this

दसवीं पुतली प्रभावती ने जो कथा

दसवीं पुतली प्रभावती कथा एक बार राजा विक्रमादित्य शिकार खेलते-खेलते अपने सैनिकों की टोली से काफी आगे निकलकर जंगल में भटक गए। उन्होंने इधर-उधर काफी खोजा, पर उनके सैनिक उन्हें […]

Share this

नवीं पुतली मधुमालती ने जो कथा

 नवीं पुतली मधुमालती ने जो कथा   उससे विक्रमादित्य की प्रजा के हित में प्राणोत्सर्ग करने की भावना झलकती है। कथा इस प्रकार है- एक बार राजा विक्रमादित्य ने राज्य और […]

Share this

आठवीं पुतली पुष्पवती की कथा

 आठवीं पुतली पुष्पवती की कथा  राजा विक्रमादित्य अद्भुत कला-पारखी थे। उन्हें श्रेष्ठ कलाकृतियों से अपने महल को सजाने का शौक था। वे कलाकृतियों का मूल्य आँककर बेचनेवाले को मुँह माँगा […]

Share this

रविभामा की कथा

 एक दिन विक्रमादित्य नदी के तट पर बने हुए अपने महल से प्राकृतिक   सौन्दर्य का आनन्द ले  थे । बरसात का महीना था, इसलिए नदी उफन रही थी और अत्यन्त तेज़ी […]

Share this

पाँचवीं पुतली लीलावती की कथा

 पाँचवीं पुतली लीलावती की कथा  हमेशा की तरह एक दिन विक्रमादित्य अपने दरबार में राजकाज निबटा रहे थे तभी एक ब्राह्मण दरबार में आकर उनसे मिला। उसने उन्हें बताया कि […]

Share this