असफलता बाद ही मिलती है सफलता Success comes only after failure
य दि जीनियस माइंड का नाम लिया जाए तो सबसे पहले अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम याद आता है। वैज्ञानिकों ने भी आइंस्टाइन के दिमाग को अब तक का सबसे क्रियाशील दिमाग माना है। मगर आइंस्टाइन की यह उपलब्धि आसान नहीं थी । आइंस्टाइन जब छोटे थे तब उन्हें न केवल बोलने में समस्या होती थी
बल्कि वह मानसिक तौर पर भी विकलांग माने जाते थे। स्कूली दिनों में टेस्ट में फेल होना भी सामान्य था। ज्यूरिख पॉलीटेक्निक में एडमीशन के लिए जब आइंस्टाइन ने टेस्ट दिया तो वह उसमें भी फेल हो गए जबकि उन्होंने गणित और फिजिक्स के सेक्शन में काफी अच्छा स्कोर किया था। असफलता के बाद भी आइंस्टाइन ने ज्यूरिख पॉलीटेक्निक को ट्रेनिंग के लिए पत्र लिखा और वह कोर्स के लिए मंजूर कर लिया गया। कुछ सालों बाद इस मंद बुद्धि बच्चे ने पीएचडी भी कर ली और एक बड़े विचारक के रूप में पहचान बनाई साथ ही भौतिक शास्त्र में नोबल पुरस्कार प्राप्त किया।