भारत के राष्ट्रपति | शक्तियां और कर्तव्य | President of India

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां

 

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भारत के राष्ट्रपति President of India

भारत का राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर भारत गणराज्य के राष्ट्रपति न्याय , प्रशासन और न्यायपालिका की सभी शाखाओं का आधिकारिक प्रमुख और भारतीय सशस्त्र बलों का कमांडर-इन-चीफ होता है। भारत के राष्ट्रपति के पास एक दोषी व्यक्ति क्षमा करने की शक्ति होती  है। राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे और रामनाथ कोविंद भारत के वर्तमान राष्ट्रपति हैं।

भारत के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नागरिकों द्वारा नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा जिसमे संसद की लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ देश के सभी घटक राज्यों की विधानसभाओं में निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से किया जाता है। राष्ट्रपति के पद का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।

 संसद के महाभियोग द्वारा राष्ट्रपति  कार्यकाल समाप्त होने से पहले पद से हटाया जा सकता है।

भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां और कर्तव्य

संविधान द्वारा राष्ट्रपति को व्यापक शक्तियाँ दी गई हैं।

     राष्ट्रपति की विधायी शक्तियाँ

राष्ट्रपति को व्यवस्थापिका सम्बन्धी अनेक महत्त्वपूर्ण अधिकार प्राप्त है।

राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुला सकता है और विशेष सत्र भी बुला सकता है।

राष्ट्रपति के पास संसद के सत्र को आमंत्रित करने और स्थगित करने की शक्ति है।

इसके अलावा, वह प्रधानमंत्री की सलाह पर लोकसभा को भंग भी कर सकता है

दोनों सदनों में पारित कोई भी विधेयक तभी कानून बन सकता है जब उस पर राष्ट्रपति की सहमति से हस्ताक्षर हो। उसे किसी भी विधेयक को पुनर्विचार के लिए संसद में भेजने का भी अधिकार है, लेकिन जब संसद द्वारा इसे फिर से पारित किया जाता है, तो उसे विधेयक पर हस्ताक्षर करने होते हैं।

संसद में धन विधेयकों को पेश करने से पहले उन पर राष्ट्रपति की सहमति लेना आवश्यक होता है, बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में भाषण देते हैं। वह संसद को अपने आवश्यक संदेश भी भेज सकता है। जब भी संसद का पहला सत्र होता है, राष्ट्रपति दोनों सदनों को संबोधित करते हैं।

आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति उस समय अध्यादेश भी जारी कर सकता है, जिस समय संसद का अधिवेशनप्रारम्भ होने के 6 सप्ताह बाद तक लागू रहते हैं।

 राष्ट्रपति को राज्य सभा में ऐसे 12 सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है, जिनके पास कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा आदि के क्षेत्र में विशेष योग्यताएं हैं।

 लोकसभा के लिए दो आंग्ल-भारतीयों के मनोनयन का अधिकार भी उसको प्रदान किया गया है

राष्ट्रपति वित्तीय वर्ष प्रारम्भ होने पर वित्तमन्त्री के माध्यम से संघ सरकार का सम्पूर्ण वर्ष का आय-व्यय का व्यौरा संसद के समक्ष प्रस्तुत कराता है।

 वह वित्त आयोग की नियुक्ति करता है, तत्पश्चात उनकी सिफारिशों के आधार पर वह विभिन्न प्रकार के

करों से प्राप्त आय को केन्द्र व राज्यों के मध्य विभाजित करता है।

राष्ट्रपति की स्वीकृति के बिना किसी भी प्रकार का धन सम्बन्धी विधेयक सदन में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है

 कार्यपालिका सम्बन्धी अधिकार

 उसे राज्य सरकारों को पूर्व-निर्धारित विषयों से सम्बन्धित आदेश देने का अधिकार है।

 युद्ध, सन्धि अथवा शान्ति की घोषणा उसी के द्वारा की जाती है।

वह प्रधानमन्त्री की नियुक्ति करता है तथा प्रधानमन्त्री के परामर्श पर मन्त्रिपरिषद के अन्य सदस्यों नियुक्ति करता है।

वह तीनों सेनाओं के सेनापतियों, उच्चतम और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, राज्यपालों, महार
नियन्त्रक एवं महालेखा परीक्षक, निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य आयुक्तों तथा वित्त
अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों आदि की नियुक्ति भी करता है।

वह योजना आयोग, भाषा आयोग एवं जाँच आयोग का भी गठन करता है ।

भारत के राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियाँ

संविधान का अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति को दंड को समाप्त करने, क्षमा करने, वापस लेने, हटाने, संशोधित करने की न्यायिक शक्ति देता है।

अनुच्छेद 60 के अनुसार राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर भारत के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है । वह न्यायाधीशों को तभी बर्खास्त करता है जब संसद के दोनों सदन उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से इस आशय का प्रस्ताव पारित करते हैं।

अनुच्छेद 76 (1) के तहत भारत सरकार की मुख्य कानूनी सलाहकार, भारत के अटॉर्नी जनरल  नियुक्ति करता है।

भारत के राष्ट्रपति की सैन्य शक्तियां

राष्ट्रपति भारत के सशस्त्र बलों का सर्वोच्च कमांडर होता है। राष्ट्रपति प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर युद्ध की घोषणा कर सकता है या शांति समाप्त कर सकता है। सभी महत्वपूर्ण संधियाँ और अनुबंध राष्ट्रपति के नाम पर किए जाते हैं

आपातकालीन शक्तियां

 राष्ट्रपति तीन प्रकार के आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं: राष्ट्रीय, राज्य और वित्तीय

राष्ट्रीय आपातकाल

भारत के संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति केवल प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद के लिखित अनुरोध के आधार पर ही ऐसी आपात स्थिति की घोषणा कर सकता है। इस घोषणा को संसद द्वारा एक महीने के भीतर कम से कम दो-तिहाई बहुमत से अनुमोदित किया जाना चाहिए। यह आपातकाल छह महीने के लिए लगाया जा सकता है। इसे बार-बार संसदीय अनुमोदन के साथ छह महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है

राज्य आपातकाल

यदि राष्ट्रपति संबंधित राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर या अन्य स्रोतों से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है कि किसी राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है, तो वह अनुच्छेद 356 के अनुसार राज्य में आपातकाल की स्थिति घोषणा कर सकता है।

वित्तीय आपातकाल

संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत, राष्ट्रपति वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है जब राष्ट्र या उसके क्षेत्र के किसी भी हिस्से की वित्तीय स्थिरता या क्रेडिट को खतरा हो।हालांकि, अब तक पूरे देश या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश या पंचायत या नगर पालिका या निगम में वित्तीय आपातकाल की स्थिति को परिभाषित करने वाले कोई दिशानिर्देश वित्त आयोग या केंद्र सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं ।

राष्ट्रपति बनने की पात्रता

भारत का नागरिक होना चाहिए

35 वर्ष या उससे अधिक उम्र होनी

लोकसभा सदस्य बनने के योग्य चाहिए

एक व्यक्ति राष्ट्रपति के रूप में चुनाव के लिए पात्र नहीं होगा यदि वह भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के तहत या किसी भी सरकार के नियंत्रण में किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अधीन कोई आकर्षक पद धारण करता हो ।

भारत के राष्ट्रपतियों की सूची

डॉ राजेंद्र प्रसाद (26 जनवरी 1950 -13 मई 1962)

डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (13 मई 1962 -13 मई 1967)

ज़ाकिर हुसैन (13 मई  1967- 3 मई  1969)

वराहगिरि वेंकट गिरि (24 अगस्त 1969 -24 अगस्त 1974)

फ़ख़रुद्दीन अली अहमद (24 अगस्त 1974 -11 फ़रवरी 1977)

नीलम संजीव रेड्डी (25 जुलाई 1977 -25 जुलाई1982 )

ज्ञानी जैल सिंह(25 जुलाई 1982 -25 जुलाई1987 )

रामास्वामी वेंकटरमण(25 जुलाई 1987    -25 जुलाई1992 )

शंकरदयाल शर्मा(25 जुलाई 1992   -25 जुलाई1997 )

के. आर. नारायणन(25 जुलाई 1997  -25 जुलाई2002 )

ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम (25 जुलाई 2002  -25 जुलाई2007 )

प्रतिभा पाटिल (25 जुलाई 2007 –25 जुलाई 2012)

प्रणब मुखर्जी (25  जुलाई 2012 –24 जुलाई 2017)

राम नाथ कोविन्द(25 जुलाई 2017 -)

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