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सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय (Subhadra Kumari Chauhan ka Jivan Parichay)
Subhadra Kumari Chauhan ka Jivan Parichay सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की प्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं।कवि सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म वर्ष 16 अगस्त 1904 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था। सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता रामनाथ सिंह थे।सुभद्रा कुमारी चौहान, चार बहने और दो भाई थे। सुभद्राकुमारी चौहान का विवाह लक्ष्मण सिंह चौहान से हुआ था। सुभद्रा में बचपन से ही राष्ट्रवाद की भावना विद्यमान थी।
1913 में नौ साल की उम्र में सुभद्रा की पहली कविता ‘मर्यादा’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी महादेवी वर्मा इलाहाबाद के क्रस्टवेट गर्ल्स स्कूल में उनकी जूनियर और दोस्त थीं। सत्याग्रह आंदोलन शुरू होने पर सुभद्राकुमारी ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी। आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी के कारण उन्हें कई बार जेल की यात्रा करनी पड़ी। उनके पति भी स्वतंत्रता के पूर्ण समर्थक थे। बी . ए . , एल . एल . बी होने के बाद भी वकालत नहीं की। खंडवा ससुराल पहुंचने पर सुभद्रा कुमारी माखनलाल चतुर्वेदी के संपर्क में आईं। उन्होंने आपको साहित्यिक रचना में विशेष प्रेरणा दी।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आपको विधान परिषद का सदस्य मनोनीत कर सम्मानित किया। 1948 में एक मोटर दुर्घटना में आपकी असमय मृत्यु हो गई।
सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय मुख्य तथ्य (Subhadra Kumari Chauhan ka Jivan Parichay)
नाम Name सुभद्रा कुमारी चौहान
जन्म तारीख Date of Birth 16 अगस्त 1904
जन्म स्थान Place of Birth उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद
मृत्यु Death 15 फ़रवरी 1948
पारिवारिक जानकारी Family Information
पिता का नाम Father’s Name रामनाथ सिंह
माता का नाम Mother’s Name ज्ञात नहीं
पति का नाम लक्ष्मण सिंह
बच्चो के नाम
सुधा चौहान
अशोक चौहान
अजय चौहान
ममता चौहान
विजय चौहान
अन्य जानकारी Other Information
सम्मान Awards
प्रेरणा स्त्रोत Inspiration माखनलाल चतुर्वेदी
भारतीय तटरक्षक बल ने सुभद्राकुमारी चौहान की देशभक्ति का सम्मान करने के लिए 28 अप्रैल 2006 को एक नए कमीशन किए गए तटरक्षक जहाज का नाम सुभद्रा कुमारी चौहान रखा है।
सुभद्राकुमारी चौहान का साहित्यिक परिचय (Subhadra Kumari Chauhan ka Sahityik Parichay)
खड़ी बोली में वात्सल्य और वैवाहिक जीवन के ऐसे चित्र किसी अन्य कवि ने प्रस्तुत नहीं किए हैं। वीर रस में वे हिन्दी की एक मात्र कवयित्री हैं।
सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु (Death of Subhadra Kumari Chauhan)
सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु 15 फरवरी 1948
को एक कार दुर्घटना के दौरान हुई। सुभद्रा कुमारी चौहान जी अपनी रचनाओं के कारण हिंदी साहित्य में हमेशा अमर रहेंगी। इनकी रचनाएं आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।
इन के सम्मान में भारतीय तटरक्षक सेना ने 2008 में एक ’तटरक्षक जहाज’ का नाम इनके नाम पर रखा ।
सुभद्राकुमारी चौहान की रचनाएँ (Subhadra Kumari Chauhan ki Rachnaye)
कहानी संग्रह
कविता संग्रह
बाल-साहित्य
झाँसी की रानी
FAQs Subhadra Kumari Chauhan से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर
सुभद्रा कुमारी चौहान कौन थी ?
उत्तर – सुभद्रा कुमारी चौहान जी हिंदी की सुप्रसिद्ध कवियित्री है। इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में भी भाग लिया था।’झाँसी की रानी’ कविता इन्हीं के द्वारा लिखी गई थी।
सुभद्रा कुमारी चौहान की सबसे प्रसिद्ध एवं चर्चित कविता कौन-सी है ?
उत्तर – ’झाँसी की रानी’ सुभद्रा कुमारी चौहान की सबसे प्रसिद्ध एवं चर्चित कविता है।
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