स्वाइन फ्लू के खतरे और लक्षण

स्वाइन फ्लू के खतरे और लक्षण

स्वाइन फ्लू क्या है?

स्वाइन फ्लू फ्लू से होने वाली एक बहुत ही भयानक बीमारी है, अचानक यह महामारी झुंड की तरह फैल गई और देखते ही देखते महानगर को अपनी चपेट में ले लिया।

लक्षण क्या है

स्वाइन फ्लू के लक्षण आम फ्लू जैसे ही होते हैं। इस बीमारी के दौरान बुखार, तेज ठंड लगना, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, तेज सिरदर्द, खांसी, कमजोरी आदि लक्षण पैदा होते हैं। इस साल इंसानों में जो स्वाइन फ्लू हुआ है, वह तीन अलग-अलग तरह के वायरस के मेल से आया है। फिलहाल, इस वायरस की उत्पत्ति अज्ञात है।

वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह वायरस अब सूअरों तक ही सीमित नहीं है, इसने इंसानों में फैलने की क्षमता हासिल कर ली है। संयुक्त राज्य अमेरिका में 2005 से अब तक केवल 12 मामले सामने आए हैं। फ्लू वायरस की विशेषता यह है कि यह लगातार आकार बदलता रहता है। इस वजह से, यह उन एंटीबॉडी को भी दबा देता है जो पहले फ्लू के दौरान विकसित हुए थे। इसलिए फ्लू के टीके का इस वायरस पर कोई असर नहीं होता है।

खतरा क्या है

1930 में A1N1 वायरस के सामने आने के बाद 1998 तक इस वायरस के रूप में कोई बदलाव नहीं आया। 1998 से 2002 के बीच इस वायरस के तीन अलग-अलग रूप सामने आए। उनके 5 अलग-अलग जीनोटाइप भी थे। मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा स्वाइन फ्लू वायरस का उत्परिवर्तन है, जो स्पेनिश फ्लू जितना घातक हो सकता है। एक बार यह इंसानों में फैल गया तो पूरी दुनिया के इसके चपेट में आने का खतरा है।

कैसे है सावधानिया

इस वायरस के संक्रमण के दौरान भी सामान्य फ्लू के दौरान बरती जाने वाली सभी सावधानियां बरतनी चाहिए। अपने हाथों को बार-बार साबुन या किसी ऐसे घोल से धोना जरूरी है जो वायरस को खत्म कर दे। नाक और मुंह को हमेशा मास्क से ढकना जरूरी है। साथ ही केवल तभी जब आम जगहों पर जाना जरूरी हो ताकि संक्रमण न फैले।





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