सिकन्दर महान् परिचय – उत्तर – पश्चिम में दूसरा महत्त्वपूर्ण आक्रमण यूनान के राज्य मेसीडोनिया के शासक सिकन्दर के नेतृत्व मेंवह ईसा से 356 वर्ष पूर्व जन्म हुआ था । उसके पिता का नाम फिलिप था । प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक अरस्तू से उसने प्राप्त की और एक हत्यारे द्वारा अपने पिता फिलिप के मारे जाने पर वह 20 वर्ष की अवस्था में ही सिंहासन पर आरूढ़ दो वर्ष पश्चात् अर्थात् ईसा से 334 वर्ष पूर्व, बाईस वर्ष की अवस्था में, एशिया की विजय के लिए उसने प्रस्थान किया या माइनर से होता हुआ वह ईसा से 332 वर्ष पूर्व सीरिया तथा फिनीशिया पहुंचा । फिनीशिया के नगर टाइरास ने सात नों तक उसका प्रतिरोध किया, परन्तु अन्त में यूनानियों ने नगर में प्रवेश किया और वहां के निवासियों को मौत के घाट तारा । उसने 30,000 को दास बनाकर बेच दिया । इसके पश्चात् सिकन्दर मिस्र की ओर बढ़ा तथा उस पर विजय प्राप्त कर व्य सागर के तट पर उसने सिकन्दरिया ( अलेक्जेण्ड्रिया ) नामक नगर की स्थापना की । इसके पश्चात् यूनानियों ने पुनः पूर्व की ओर प्रस्थान किया । उन्होंने ईसा से 331 वर्ष पूर्व सितम्बर में टाइग्रिस नदी की तथा ईरान के सम्राट् दारा तृतीय का सामना किया । बहुत थोड़े प्रयास से उसे विजय प्राप्त हो गयी और दारा भाग कला । फारस का प्रसिद्ध नगर परसीपॉलिस नष्ट – भ्रष्ट हुआ । वहाँ का राजमहल जला दिया गया । कैस्पियन सागर के तट होता हुआ सिकन्दर खुरासान और पार्थिया को रौंदकर हिन्दूकुश को पार करता हुआ भारत की सीमा पर आ पहुँचा । बैक्ट्रिया विजय के पश्चात् अब उसने भारत पर आक्रमण करने का निश्चय कर लिया
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