अध्यय्न का जबरजस्त तरीका

अध्यय्न का जबरजस्त तरीका

अध्यय्न का जबरजस्त तरीका

सबसे प्रभावी शिक्षा का रास्ता इन चीजों को जानकर आता है :
अपने आप को
अपनी सीखने की क्षमता को
उस प्रक्रिया को जो आपने पहले सफलतापूर्वक इस्तेमाल की है

जो आप सीखना चाहते हो, उस विषय में आपकी रूचि को और उसके ज्ञान को
हो सकता है भौतिकी सीखना आपके लिए आसान हो लेकिन टेनिस मुश्किल हो या फिर उसका विपरीत.

 शिक्षा एक प्रक्रिया है जो कुछ निश्चित चरणों मै पूरी होती है.

यह सीखने के चार चरण हैं.

नीचे लिखे हर चरण को चुनकर और प्रश्नों के उत्तर देकर शुरुआत करे . फिर अपने उत्तरों और दूसरी “अध्ययन मार्गदर्शिकाओं” के साथ अपनी रणनीति की योजना बनाये

अतीत के साथ शुरू करो

अपने सीखने के तरीके पर आपका अनुभव क्या था?

क्या आपको पढ़ना पसंद था? क्या आपको समस्या हल करना पसंद था? याद करना? चर्चा करना? मतलब निकालना? समूह से बात करना?

क्या आपको संक्षेप में प्रस्तुत करना आता है?

जो आपने पढ़ा उसके बारे में खुद से प्रश्न पूछे?

क्या आपने पुनरीक्षण किया?

क्या आपके पास अलग अलग साधनों से जानकारी थी?

आपको शांति पसंद थी या समूह में  पढ़ना?

आपको पढाई के छोटे छोटे सेशन्स पसंद थे या एक ही लंबा सेशन?

  अनुभव पर सुविचार | Experience Quotes in Hindi

आपकी पढ़ने के आदतें क्या क्या हैं? वे कैसे आईं?

सबसे अच्छी कौनसी रही और सबसे बुरी कौनसी रहीं?

जो आपने सबसे अच्छा सीखा वो आपने कैसे बताया? लिखित परीक्षा के द्वारा, सामयिक पेपर के द्वारा या साक्षात्कार के द्वारा?

वर्तमान की तरफ बढ़ो:   

इसमें मेरी कितनी दिलचस्पी है?

मैं इसे सीखने मै कितना समय बिताना चाहता हूँ?

मेरे ध्यान मैं क्या प्रतिस्पर्धाएं हैं?

क्या परिस्थितियाँ सफलता के लिए अनुकूल हैं?

मैं क्या नियंत्रित कर सकता हूँ और क्या मेरे नियंत्रण के बाहर है?
क्या मैं सफलता के लिए इन परिस्थितियों को बदल सकता हूँ?
मेरे सीखने के प्रति मेरे समर्पण को क्या प्रभावित करता है?

क्या मेरे पास कोई योजना है? क्या मेरी योजना में मेरा पिछला अनुभव और सीखने का तरीका है?
प्रक्रिया, विषय-वस्तु पर विचार करो
शीर्षक क्या है?
वो मुख्य शब्द कौनसे हैं जो अलग से दीखते है?
क्या मैं उन्हें समझता हूँ?
मैं इनके बारे में पहले से क्या जानता हू?
क्या मैं इनके जैसे दूसरे विषय जानता हूँ?
किस तरह के संसाधन और जानकारियाँ मेरी मदद करेंगे?
जानकारी के लिए क्या मैं सिर्फ एक ही स्त्रोत (जैसे, एक पाठ्यपुस्तक) पर भरोसा करूँगा?
क्या मुझे अतिरिक्त स्त्रोतों के लिए भी देखना पड़ेगा?
जब मैं पढता हूँ तो क्या मै अपने आप से पूछता हूँ कि मैं समझा कि नहीं समझा?
क्या मुझे थोड़ा जल्दी करना चाहिए या धीरे?
अगर मै नहीं समझता हूँ तो क्या मैं पूछता हूँ कि क्यों नहीं?
क्या मैं ठहरता हूँ और संक्षिप्तीकरण करता हूँ?
क्या मैं रूककर पूछता हूँ कि क्या यह तार्किक है या नहीं है?
क्या मैं ठहरता हूँ और जांचता हूँ (सहमत हूँ या असहमत)?
क्या मुझे इस पर सोचने और इस पर वापस आने के लिए समय चाहिए?
जानकारी को इस्तेमाल करने के लिए क्या मुझे दूसरे “सीखने वालो” के साथ इसकी चर्चा करनी चाहिए?
क्या मुझे एक विश्वस्त जैसे कि एक अध्यापक, एक पुस्तकालयाध्यक्ष या एक विषय-वस्तु विशेषज्ञ ढूंढने की जरुरत है?
समीक्षा
करो
मैंने क्या सही किया?
मैं क्या बेहतर कर सकता था?
क्या मेरी योजना मेरी ताकत और कमजोरियों से मेल खाती है?
क्या मैंने सही परिस्थिति चुनी है?
क्या मैंने पूरा पालन किया; क्या मैं अपने साथ अनुशासित था?
क्या मैं सफल हुआ?
क्या मैंने अपनी सफलता की खुशी मनाई?
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