गर्मियों में कैसा हो आपका आहार
हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर आहार-विहार के अलावा ऋतु और जलवायु का भी प्रभाव पड़ता है,इसलिए स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ऋतु और जलवायु के अनुकूल आहार-विहार करना अत्यन्त आवश्यक है।
विशेष रूप से ग्रीष्म ऋतु में आहार-विहार पर खास ध्यान देना चाहिए।बिना आहार-विहार का ध्यान रखे ग्रीष्म ऋतु का सही आनंद नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि आहार-विहार के असंतुलन से व्याधि ग्रस्त होने की आशंकाएं बढ़ जाती है.इसलिए गर्मियों में इन बातों का खासतौर से ध्यान रखें:-
गर्मियों में इस बात का सदैव ध्यान रखें की आपके शरीर में पानी की कमी न होने पाएं,इसके लिए थोड़े-थोड़े अंतराल पर शीतल जल अवश्य ग्रहण करें।दिन भर में १०-१२ गिलास पानी जरूर पीना चाहिए.
आहार में सुपाच्य,ताजे ,हल्के,रसीले और सादे पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए।तले हुए,खट्टे,तेज मिर्च व मसालेदार,भारी और गर्म प्रकृति के पदार्थों का सेवन यदा-कदा और कम मात्रा मे ही करना चाहिए. यदि इनका सेवन न करें तो और भी अच्छा रहेगा।
इस ऋतु में भूख सहन करना यानि देर से भोजन करना शरीर में दुर्बलता और कमजोरी लाने वाला होता है,इसलिए निश्चित समय पर अच्छी तरह चबा-चबाकर ही भोजन करना चहिये।
गर्मी के मौसमी फलों जैसे तरबूज,खरबूजा,खीरा,ककडी,फालसा,संतरा,अंगूर तथा लीची आदि का सेवन अवश्यकरें,ये फल शरीर को तरावट और शीतलता पहुँचाने में मददगार होंगे।
नींबू की मीठी सिकंजी,कच्चे आम का पना,दूध-पानी की मीठी लस्सी,पतला सत्तू,फलों का जूस,ग्लूकोज तथाशरबत तरावट के लिए जरूर पियें।बेल का शरबत तथा ठंडाई आदि के सेवन से भी गर्मी में राहत मिलती है.
सेहत की दृष्टि से सेब,बेल और आवले का मुरब्बा,गुलकंद,आगरे का पेठा खाना लाभप्रद सिद्ध होता है।
घर में पुदीन हरा,ग्लूकोज,इलेक्ट्रोल आदि जरूर रखे।दस्त आदि की दवाएं तथा फर्स्ट एड बॉक्स रखना भीजरूरी है.
इस ऋतु में लोग सुबह देर तक सोये रहना पसंद करते है,जो शरीर,स्वास्थ्य और चेहरे की सुन्दरता खास करके आंखों के लिए बहुत हानिकारक होता है,इसलिए सुबह देर तक सोये रहना और देर रात तक जागना कदापि उचित नहीं.
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- 1 गर्मियों में कैसा हो आपका आहार हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर आहार-विहार के अलावा ऋतु और जलवायु का भी प्रभाव पड़ता है,इसलिए स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ऋतु और जलवायु के अनुकूल आहार-विहार करना अत्यन्त आवश्यक है। विशेष रूप से ग्रीष्म ऋतु में आहार-विहार पर खास ध्यान देना चाहिए।बिना आहार-विहार का ध्यान रखे ग्रीष्म ऋतु का सही आनंद नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि आहार-विहार के असंतुलन से व्याधि ग्रस्त होने की आशंकाएं बढ़ जाती है.इसलिए गर्मियों में इन बातों का खासतौर से ध्यान रखें:- गर्मियों में इस बात का सदैव ध्यान रखें की आपके शरीर में पानी की कमी न होने पाएं,इसके लिए थोड़े-थोड़े अंतराल पर शीतल जल अवश्य ग्रहण करें।दिन भर में १०-१२ गिलास पानी जरूर पीना चाहिए. आहार में सुपाच्य,ताजे ,हल्के,रसीले और सादे पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए।तले हुए,खट्टे,तेज मिर्च व मसालेदार,भारी और गर्म प्रकृति के पदार्थों का सेवन यदा-कदा और कम मात्रा मे ही करना चाहिए. यदि इनका सेवन न करें तो और भी अच्छा रहेगा। इस ऋतु में भूख सहन करना यानि देर से भोजन करना शरीर में दुर्बलता और कमजोरी लाने वाला होता है,इसलिए निश्चित समय पर अच्छी तरह चबा-चबाकर ही भोजन करना चहिये। गर्मी के मौसमी फलों जैसे तरबूज,खरबूजा,खीरा,ककडी,फालसा,संतरा,अंगूर तथा लीची आदि का सेवन अवश्यकरें,ये फल शरीर को तरावट और शीतलता पहुँचाने में मददगार होंगे। नींबू की मीठी सिकंजी,कच्चे आम का पना,दूध-पानी की मीठी लस्सी,पतला सत्तू,फलों का जूस,ग्लूकोज तथाशरबत तरावट के लिए जरूर पियें।बेल का शरबत तथा ठंडाई आदि के सेवन से भी गर्मी में राहत मिलती है. सेहत की दृष्टि से सेब,बेल और आवले का मुरब्बा,गुलकंद,आगरे का पेठा खाना लाभप्रद सिद्ध होता है। घर में पुदीन हरा,ग्लूकोज,इलेक्ट्रोल आदि जरूर रखे।दस्त आदि की दवाएं तथा फर्स्ट एड बॉक्स रखना भीजरूरी है. इस ऋतु में लोग सुबह देर तक सोये रहना पसंद करते है,जो शरीर,स्वास्थ्य और चेहरे की सुन्दरता खास करके आंखों के लिए बहुत हानिकारक होता है,इसलिए सुबह देर तक सोये रहना और देर रात तक जागना कदापि उचित नहीं.
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